उझान सहायक निदेशक चन्द्रभान चौहान कहते हैं कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फलदार बगीचे व उन्नत किस्म की सब्जियों के खेती की जा रही है। इसकी दिल्ली सहित कई महानगरों में बहुत मांग है। फलों में आंवला, अमरूद, नींबू, मौसमी, बेलपत्र और पपीता हैं। इसी प्रकार अलवर में कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही हैं। किसानों को सौर ऊर्जा से पम्प लगाने का रुझान बढ़ा है। अलवर जिले के बानसूर तहसील के 36 गांवों के समूह में सभी योजनाएं 75 प्रतिशत अनुदान पर संचालित की जा रही है।
किसानों की आर्थिक स्थिति चिंताजनक, अब बागवानी से आस जिले में अधिकतर किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। काफी लम्बे समय से कृषि के क्षेत्र में विशेष शोध नहीं हुए हैं जिसकी वजह से खेती व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है।
अलवर जिले में सहगल फाउंडेशन और मोजैक इंडिया फाउंडेशन की ओर से अलवर जिले के किसानों के लिए बागवानी पर विशेष फोकस किया गया है। जिसके तहत बाजार की मांग आधारित फसलों का चयन जैसे फल सब्जी आदि की खेती के माध्यम से किसानों को अच्छा लाभ मिल सके और किसानों के साथ फलोद्यान विकसित करने का प्रयास किया है। रामगढ़ और बानसूर ब्लॉक के 35 किसानों के साथ फलोद्यान विकसित किए हैं। कार्यक्रम से जुड़ी अनुराधा दुबे ने बताया कि उन्नत तरीके से बागवानी की जा रही है। इसमें कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
यह कहते हैं किसान मुझे ये बगीचा लगाकर बहुत अच्छा लग रहा है। अब मैं दोहरा लाभ ले सकता हूं , इन फलों के पौधों के बीच में मैं दूसरी फसल भी पैदा कर सकता हूं, जिससे मुझे दोहरा लाभ मिल रहा है । इस बगीचे में ड्रिप से पानी देते है जिससे पानी भी कम लगता है।
सुमेर, किसान कोटा कला,ब्लॉक रामगढ़।